माया दीदी और टोमास की शादी जर्मनी के बान शेहर में हुई थी। यह शहर कुछ साल पहले तक पशचिमी जर्मनी की राजधानी था। दुनिया भर से मेहमान लोग आए थे - हारवर्ड और मेलबर्न के अध्यापक और विशेषज्ञ, ऑस्ट्रेलिया और जर्मनी से मित्रगण, लन्दन से रिश्तेदार और कुमाओं से पर्वतारोही। :-)
जर्मन शादी एक चर्च में होती है। यह भारतीय शादी से काफी कम समय लेती है, इसलिए लोग थकते नहीं हैं। सारी जनता चर्च के लिए होटल से रवाना होती है, चर्च में जर्मन पुरोहित (क्ल्लेर्गी) लगभग पौने घंटो तक मंत्रो का उच्चारण करते हैं और फिर शादी करने वाली जोड़ी अपनी अंगूठियाँ बदल लेते हैं। इसके बाद एक पार्टी होती है जो रात भर चलती है।
इसी शादी की कुछ तस्वीरिएँ नीचे प्रस्तुत हैं।

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दुल्हे राजा टोमास राइक्क चर्च में प्रवेश करते हुए
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गिरीश मौसाजी, माया दीदी, क्रिस (माया दीदी के बिल्कुल पीछे), मीशू, सुधा मौसी और स्मिरा

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गिरीश मौसाजी और माया दीदी चर्च की तरफ़ भाद रहे हैं । उनके आगे आगे एक चोटी लडकी चल रही है - जैसा की रिवाज़ होता है ।

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यह लोग चर्च में घुसने वाले हैं ।

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चर्च में प्रवेश करते हुए और पादरी (पुरोहित) की तरफ़ बढ़ते हुए ।

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चर्च में चलते हुए ।

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कृपया यह जान ले की थॉमस के बायीं तरफ़ जो बंद खडा है, वोह थॉमस का भाई नहीं है (हालाँकि वोह बिल्कुल थॉमस की तरह दिखता है)
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एक दूसरे को अंगूठी पहनाते हुए।
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प्रशांत तुम प्रकृति ही नहीं बल्कि लगों कि तस्वीरें भी बढ़िया खींचते हों. शुभकामनायें.
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